Monday, December 30, 2019

दिल टूट जाने पर मरहम का काम करता है खाना

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.

अब इन चार दो अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक मषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

Friday, December 20, 2019

CAA-NRC: नागरिकता क़ानून के विरोध और समर्थन के दो तरीक़े- नरम दल बनाम गरम दल

19 दिसंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर, मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान, बंगलुरु, कोलकाता, लखनऊ समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

ऐसे लोग भी सड़कों पर नज़र आए जो सरकार के नागरिकता क़ानून का समर्थन कर रहे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

20 दिसंबर को भी दिल्ली में भीम आर्मी ने प्रदर्शन किया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीते कुछ दिनों से नागरिकता क़ानून को लेकर देश में जहां कहीं भी प्रदर्शन हुए हैं, उसके दो रूप देखने को मिले हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

एक ऐसे लोग जिन्होंने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया. दूसरे वो लोग, जिन पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने के आरोप लगे. ऐसे कई वीडियो भी वायरल हुए, जिनमें कुछ में प्रदर्शनकारी पुलिसवालों पर पथराव करते दिखे और कुछ में पुलिसवाले प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चलाते हुए दिखे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आइए हम आपको बीते कुछ दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में जिस तरह से विरोध प्रदर्शन के लिए प्ले कार्ड का इस्तेमाल किया, उसकी कुछ झलकियां दिखाते हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

19 दिसंबर को नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ और समर्थन में उतरे लोगों ने कुछ ऐसे ही क्रिएटिव प्ले कार्ड बनाए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीते कुछ दिनों में पुलिस और स्टूडेंट्स के बीच आक्रामकता बढ़ी है. ऐसे में 19 दिसंबर को दिल्ली में कई जगह स्टूडेंट्स हाथ में प्लेकार्ड और गुलाब का फूल लिए पुलिसवालों से मुस्कुराते हुए मिले.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

ऐसी ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल रही.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इस तस्वीर में एक लड़की पुलिसवाले को गुलाब का फूल देते हुए दिख रही है. इस लड़की के हाथ में प्लेकार्ड है, जिसमें लिखा है- मेरे पिता सोचते हैं कि मैं इतिहास की पढ़ाई कर रही हूं लेकिन दरअसल मैं इतिहास रच रही हूं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

जिस तरह से ये तस्वीर वायरल हुई. शायद इस लड़की के प्लेकार्ड पर लिखी बातें सच साबित हुईं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कुछ दिनों पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था- विरोध प्रदर्शन के दौरान आग लगाने वाले लोग कौन हैं, उनके कपड़े देखकर पता चव जाएगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पीएम मोदी के इस ताज़ा बयान का प्लेकार्ड पर इस्तेमाल करते हुए एक प्रदर्शनकारी छात्र.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

ऐसे प्लेकार्ड्स की भरमार सोशल मीडिया पर भी रही.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कुछ ट्वीट्स...

छोड़िए फ़ेसबुक पोस्ट Umashankar
ये सचमुच में एक कमाल का दिन था। करीब दसेक साल बाद मैं किसी प्रदर्शन में पहुंचा था। इसके लिए मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान...मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब तक आपने ऐसे प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें देखीं, जो प्लेकार्ड के ज़रिए विरोध ज़ाहिर कर रहे थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

लेकिन नागरिकता क़ानून के लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों का एक दूसरा पक्ष भी है. गुजरात और लखनऊ में कुछ ऐसे भी इलाक़े रहे, जहां विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने दिल्ली के सीलमपुर में विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो शेयर किया. इस वीडियो में कुछ प्रदर्शनकारी पुलिसवालों को पीटते दिख रहे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

गुजरात के अहमदाबाद में कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों पर भारी पथराव किया. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल रहा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

लखनऊ में भी विरोध प्रदर्शन का नज़ारा काफ़ी ख़राब रहा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

नागरिकता क़ानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों ने हिंसा भी देखी और प्लेकार्ड भी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

लेकिन 'पिक्चर अभी बाक़ी है मेरे दोस्त...'मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कई जगहों पर पुलिसवालों के ठीक सामने खड़े होकर स्टूडेंट्स ने नेशनल एंथम और सारे जहां से अच्छा गीत भी गाया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

ऐसा ही एक नज़ारा कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक देखने को मिला.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

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Wednesday, December 4, 2019

孔琳琳: 中国央视记者因英国袭击案被定罪,盘点成为“新闻主角”的官媒记者

中国官方媒体中央电视台驻欧洲站记者孔琳琳因与一名义工发生冲突在英国被判袭击罪成立,但已在有条件下释放。孔琳琳在去年9月参加英国保守党大会的一场有关香港事务的活动时,与一名英国保守党代表、来自香港的志工Enoch Lieu发生肢体冲突。

法官表示,孔琳琳“在一时冲动下失去了冷静的职业素养”。 49岁的孔琳琳否认曾对Enoch Lieu人身攻击,她称自己先被打。

Enoch Lieu是纽卡斯尔莱姆(Newcastle-under-Lyme)的保守党成员,他告诉伯明翰地方法院(Birmingham Magistrates' Court),孔琳琳打了他一巴掌。并且,孔琳琳在指责会议小组成员试图“分裂”中国后,又推了他一把。

Enoch Lieu在孔琳琳失去理性后要求她离开伯明翰国际会议中心。他否认当时用手触碰孔琳琳,而是告诉法庭,他以“中立的口吻请她离开”。

法院称,事情发生在2018年9月30日,当时的这一巴掌力度很大,八个席位外的另一名代表也听到了这一声音。

地区法官库雷希(Shamim Qureshi)在宣布判决时告诉孔琳琳,她当时有两个反应。“先是掴打Enoch Lieu,随后把他的胳膊推开。第一个反应明显等同于刑事攻击,但第二个不构成犯罪,”他说。

“在我看来,当时被告失去了作为记者的冷静职业素质,变成了情绪强烈的质问者”,库雷希说。

法院给予孔琳琳12个月有条件释放,并需赔偿受害者2115英镑(约1.9万人民币)。 孔琳琳的律师拉加特(Timothy Raggatt QC)告诉法官,她将对定罪和判决提出上诉。

比如,今年5月,中央电视台海外分支机构中国国际电视台(CGTN)的女主播刘欣接受美国福克斯商业电视台女主播翠西·里根(Trish Regan)的直播辩论,谈及中美贸易战、华为等事件,广泛受到中国观众关注。

刘欣称,她不为中共说话,只代表自己,即中国国际电视台的记者。不过,有传播学者称,她的参与某程度上来说就是一种国家行为。